अब तक वैज्ञानिक यहीं हेान करीब 3 अरब साल पहले मंगल अ गानी पर भीर उसकेानी सेाऔ औां उसकेाद से वहां सूखाल है है लेकिन जुड़ी एक नई जज इससे जुड़ी जुड़ी नई ज ज इससे इससे जुड़ी मिली है ज ज इससे मिली मिली मिली है ज वैज मिली मिली मिली है ज जिसने मिली मिली मिली है को जिसने मिली मिली मिली है को जिसने वैज मिली मिली मिली को जिसने वैज मिली मिली मिली है को भी वैज मिली मिली है को जिसने वैज्ञानिकों को भी आश्चर्य में ड डाल दिया है .
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ृथृथ्वव के अअावा किसी और ग्रह पर जरवन संभव है यया नहहं, इसको लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिक गगातार खोज रहे हैं. इनमें मंगल ग्रह का नाम सबसे पहले आता है. ऐसा माना जाता है कि ंगंगंग ग्रह सहह पर हहहे पानी ौजूदौजूदौजूदे पानी ौजूदौजूद था, लेकिन आखिर वो कहां और कैसे गायब हो गया, इसके बारे में अभअभ तक कोई जानकारी नहहं मिल पाई है. अब तक वैज्ञानिक यहीं हेान करीब 3 अरब साल पहले मंगल अ गानी पर भीर उसकेानी सेाऔ औां उसकेाद से वहां सूखाल है है लेकिन जुड़ी एक नई जज इससे जुड़ी जुड़ी नई ज ज इससे इससे जुड़ी मिली है ज ज इससे मिली मिली मिली है ज वैज मिली मिली मिली है ज जिसने मिली मिली मिली है को जिसने मिली मिली मिली है को जिसने वैज मिली मिली मिली को जिसने वैज मिली मिली मिली है को भी वैज मिली मिली है को जिसने वैज्ञानिकों को भी आश्चर्य में ड डाल दिया है . (Imagen: Pixabay)
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Espacio नामक एक वेबसाइट के ुुुाबिक, नासा के मार्स रिकोनिसेंस ऑर्बिटर ने जो नई जानकारी दद है, उसके ुुुाबिक ंगंगंग ग्रह पर करबब 2 अरब साल हहहे पानी ौजूदौजूद था. पृथ्वी की तरह ही वहां भी पानी का बहाव था. यह एक बेहद ही रोचक जानकारी है. (Imagen: Pixabay)
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दरअसल, नासा रिकोनिसेंस ऑर्बिटर साल 2006 से से कहंग ग्रह के आसपास चकर गगा रहा है और सयय-सयय पर हहह्ववूर्णण्ववूर्ण जानकारियां भभ देता आ रहा है. यह ऑर्बिटर कई साोंों से लाल ग्रह पर पानी की संभावनाओं की तलाश कर रहा है. (Imagen: Pixabay)
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